Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

माॅं

मातु प्रियताभाष में सद्भाव का संगीत है।
आत्मसत् की निकटता से भरा स्वर औ गीत है।
हृदय-धड़कन से बना, शुभ पालना सद्प्रेम का।
मातु तुझसे उच्च ,जग में नहीं देखा मीत है।

माता तेरा ऋणी यह सचमुच असत् संसार है।
माॅं अमल पोषण की देवी,प्रीतिमय आधार है।
आप बिन सारा जमाना,पत्ता सूखी डाल का।
मातु नहिं तो बाल-जीवन में नहीं परिवार है।

श्वास से श्वासा मिली चुंबन मिला आनंद था।
मातृमय हर रूप में शिशु-ध्यान,परमानंद था।
छिन गया शुभ मातु -साया तभी से मैं दीन बन
रोया समझा, माॅं हृदय में प्रीति सु मकरंद था।

जब तलक माॅं साथ थी, आनंद का आधार था।
मातु शुभ आवाज में अनुपम सु पावन प्यार था।
वह गई,सब खो गया उर रो गया,यादें बचीं।
लग रहा जननी हृदय,सदप्रीति का अवतार था।

स्वार्थ में डूबे हुए सब, माॅं ही बस निष्काम थी।
माता तेरी नेह-बोली,प्रीति का शुभ घाम थी।
मोह यदि थोड़ा तो क्या, पोषण हमेशा प्यार का,
मैंने पाया,आपकी हर श्वास मेरे काम की।

पं बृजेश कुमार नायक

189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
View all

You may also like these posts

मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
Sonia Pant
कुछ रिश्ते
कुछ रिश्ते
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
गंगा (गीत)
गंगा (गीत)
Dr Archana Gupta
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
कहावत है कि आप घोड़े को घसीट कर पानी तक ले जा सकते हैं, पर म
इशरत हिदायत ख़ान
प्रेम - पूजा
प्रेम - पूजा
Er.Navaneet R Shandily
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
प्रेम शाश्वत है
प्रेम शाश्वत है
Harminder Kaur
3198.*पूर्णिका*
3198.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
यूं वक्त लगता है ज़िंदगी को तन्हा गुजरने में,
यूं वक्त लगता है ज़िंदगी को तन्हा गुजरने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
ruby kumari
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
- नींद न आए -
- नींद न आए -
bharat gehlot
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
Annu Gurjar
😊 लघु कथा :--
😊 लघु कथा :--
*प्रणय*
हम छि मिथिला के बासी
हम छि मिथिला के बासी
Ram Babu Mandal
द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा
द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा
श्रीकृष्ण शुक्ल
sp117 जब मानव देह
sp117 जब मानव देह
Manoj Shrivastava
हमने क्या खोया
हमने क्या खोया
Dr fauzia Naseem shad
भोलेनाथ
भोलेनाथ
Adha Deshwal
महिला प्रतीक है स्वाभिमान का
महिला प्रतीक है स्वाभिमान का
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
"गुणनफल का ज्ञान"
Dr. Kishan tandon kranti
करवा चौथ
करवा चौथ
Sudhir srivastava
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
# चांदनी#
# चांदनी#
Madhavi Srivastava
*
*"तुम प्रीत रूप हो माँ "*
Shashi kala vyas
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
କୁଟୀର ଘର
କୁଟୀର ଘର
Otteri Selvakumar
Loading...