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30 Mar 2024 · 1 min read

*माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)*

माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार (कुंडलिया)
_________________________
माला फूलों की मधुर, फूलों का श्रंगार
फूलों में जीवंतता, फूलों में है प्यार
फूलों में है प्यार, पुष्प-वर्षा महकाती
जहॉं दीखते पुष्प, वहॉं रौनक छा जाती
कहते रवि कविराय, फूल ज्यों मधु का प्याला
इसके आगे तुच्छ, स्वर्ण की महॅंगी माला
—————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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