Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2023 · 1 min read

#मायका #

हां मुझे मायका बहुत याद आता है।
कर के सारा काम जब थक के चूर हो जाती हूं।।
सब कुछ करने के बाद,
जब किसी को खुश नही कर पाती हूं ।
हां तब मुझे मायका बहुत याद आता है।।
हां मुझे मायका बहुत याद आता है।
देर तक सोने वाली अब जल्दी उठ जाती है।।
अपने मन का करने वाली,
अब सबके मन का करती है।
सबकी बातें और सबके ताने ,अब चुप चाप सुन लेती हूं।।
सही होकर भी कई बार गलत ठहराई जाती हूं ।
हां तब मुझे मायका बहुत याद आता है।।
हां मुझे मायका बहुत याद आता है।
भाई कुछ मांगते उनसे मैं लड़ जाती थी।।
नौकर नही हूं अपनी बात पर अड़ जाती थी।।
अब देवर और जेठ को सब कुछ हांथ मैं पकड़ती हूं।।
बिन बोले ही सारे काम कर आती हूं।।
हां तब मुझे मायका बहुत याद आता है ।
हां मुझे मायका बहुत याद आता है।।
जरा सा बुखार आता मां घर सर पर उठा लेती थी।
बिटिया ने कुछ खाया नहीं यह बार बार कहती थी।।
कमजोर हो गई हो कुछ काम अब करना नही।
पापा से खाने का सारा सामान मंगा लेती थी।।
अब तो बीमारी मैं भी सारा काम कर आती हूं।
उसके बाद भी सबको कामचोर नजर आती हूं ।।
हां तब मुझे मायका बहुत याद आता है।
हां मुझे मायका बहुत याद आता है ।।
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ

Language: Hindi
1 Like · 99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अलबेले लम्हें, दोस्तों के संग में......
अलबेले लम्हें, दोस्तों के संग में......
Aditya Prakash
कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं।
कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं।
Manisha Manjari
"महत्वाकांक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नफरते का दौर . .में
नफरते का दौर . .में
shabina. Naaz
अफसोस-कर्मण्य
अफसोस-कर्मण्य
Shyam Pandey
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
थे कितने ख़ास मेरे,
थे कितने ख़ास मेरे,
Ashwini Jha
मैं
मैं
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
✍️लॉकडाउन✍️
✍️लॉकडाउन✍️
'अशांत' शेखर
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
' मौन इक सँवाद '
' मौन इक सँवाद '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़ख़्मों पे वक़्त का
ज़ख़्मों पे वक़्त का
Dr fauzia Naseem shad
हवस
हवस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लम्बा पर सकडा़ सपाट पुल
लम्बा पर सकडा़ सपाट पुल
Seema gupta,Alwar
मैं बेटी हूँ
मैं बेटी हूँ
लक्ष्मी सिंह
हाँ! मैं करता हूँ प्यार
हाँ! मैं करता हूँ प्यार
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
मां बाप
मां बाप
Sushil chauhan
2283.🌷खून बोलता है 🌷
2283.🌷खून बोलता है 🌷
Dr.Khedu Bharti
आस्तीन के साँप
आस्तीन के साँप
Dr Archana Gupta
जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
Rajesh Kumar Arjun
फिर भी नदियां बहती है
फिर भी नदियां बहती है
जगदीश लववंशी
हौसला
हौसला
Mahendra Rai
✴️💢मेरे बढ़ते कदम ठहर से गए हैं💢✴️
✴️💢मेरे बढ़ते कदम ठहर से गए हैं💢✴️
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
SHELTER OF LIFE
SHELTER OF LIFE
Awadhesh Kumar Singh
क्या....
क्या....
हिमांशु Kulshrestha
तारीफ़ क्या करू तुम्हारे शबाब की
तारीफ़ क्या करू तुम्हारे शबाब की
Ram Krishan Rastogi
नेता और मुहावरा
नेता और मुहावरा
सूर्यकांत द्विवेदी
【10】 ** खिलौने बच्चों का संसार **
【10】 ** खिलौने बच्चों का संसार **
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
शंभु जीवन-पुष्प रचें....
शंभु जीवन-पुष्प रचें....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...