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12 Aug 2021 · 1 min read

— मायका कब तक —

जहाँ बचपन बीता संग संग
वहां ही सब पराया लगता है
एक बेटी के लिए शादी बाद
क्यूं मायका पराया लगता है ?

वो हसना रोना खाना सोना
हर पल संजोया होता है
शादी क्या हुई बेटी की
फिर मायका अनजाना लगता है !!

जब तक होते हैं माता पिता
सब कुछ अपना सा फिर भी लगता है
उनके जाने के बाद वो
मायके का घर क्यूं बेगाना लगता है ?

बस यादों को संजो कर
बेटियाँ मायके भूलकर आती हैं
कैसी है यह लीला प्रभु बनाई तुमने
मोह की डोर माँ बाप के जाने के
बाद ही टूट जाती है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 2 Comments · 357 Views

Books from गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार

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