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14 Apr 2020 · 2 min read

मानवता के दुश्मनों से हो जाओ सावधान!

अपने अहंकार में हैं यह सब लहू -लुहान,
पुरे विश्व समाज को करके ये परेशान!
दीन-दुखी जूझ रहे,कैसे बचाएं जान,
एक छोटे से वायरस से हुए लोग हलकान!
ये मंद-मंद मुस्काते हुए दिखते हैं महान !
मेरा कहना इतना ही है, यह हैं बड़े हैवान!!
मानवता के लिए संघर्ष रत्त,हैं इनसे हैरान !
भारत ही इनमें से एक है, जो बता रहा निदान!!

विश्व देखो झेल रहा है कितने बड़े झंजावात!
मानवता के दुश्मनो ने ,देते रहते हैं आघात!
छोटी छोटी चूक पर रहता है जिसका आतंक!
जीने की आजादी नहीं,रहते सब संतप्त !
किम जोंग रचता रहता नित नए षड्यंत्र!
अपनों पर ही जो जुल्म करें,ऐसा इसका है तंत्र!!

एक शासक ऐसा भी है,जो बोले बड़े बड़े बोल!
सारी दुनिया लगती उसे अपने जैसी गोल-मटोल!
एक कोरोना से जो लड न पाए,करता टाल-मटोल!
शासन तंत्र भी दिख रहा है,उसका डावांडोल !
औरों को जो समझा रहा था,दुनिया का भूगोल !
हांकता था बड़ी-बड़ी,पर नहीं उनका कुछ मोल !!

एक मुखिया यह भी है ,जो दुनिया को धमकाता है!
हर किसी की बात पर,युद्ध ही उसे याद आता है!
मुठ्ठी भर लोगों के बल पर,वह सबको आँख दिखाता है!
किसी और की स्वतंत्रता से भी जो भय खाता है!
अस्त्र-शस्त्र पर ही जो सारा धन गंवाता है!
ऐंठा-ऐंठा रहते हुए,स्वयं को शूरवीर कहलाता है!!

एक ऐसा भी नेता है,जो बन बैठा है तानाशाह!
लोक तंत्र का ढोंग रचा कर,दिखता है शांत स्वभाव!
जिसके बनाए वायरस से,पुरी दुनिया रही कराह !
दिल में उसकी कुटिलता का होता-रहता है प्रवाह!
श्रेष्ठता की जिद में जिसने,सबको कर दिया है तबाह!
मानवता के दुश्मन हैं यह सब,दुनिया इसकी है गवाह!!
भारत ही इनमें से एक है जग में, जो करता है सबकी परवाह। मानवता के हैं हम सब प्रहरी,विश्व बंधुत्व है अपनी राह!

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
1 Like · 2 Comments · 162 Views

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