Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2023 · 1 min read

मानवता की चीखें

हिंदू-मुसलमान से
आगे भी कुछ है!
भारत-पाकिस्तान से
आगे भी कुछ है!!
मानवता की चीखें
कहती हैं हमसे!
कि नफा-नुकसान से
आगे भी कुछ है!!
#StopWar #riots #politics
#humanity #Peace #love
#Buddha #LiveAndLetLive
#Brotherhood #Unity #SAVE
#World #ahimsa #Future

Language: Hindi
434 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पागल बना दिया
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
Ajit Kumar "Karn"
“विवादित साहित्यकार”
“विवादित साहित्यकार”
DrLakshman Jha Parimal
शेर-शायरी
शेर-शायरी
Sandeep Thakur
😘अमर जवानों की शान में😘
😘अमर जवानों की शान में😘
*प्रणय प्रभात*
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
ठुकरा के तुझे
ठुकरा के तुझे
Chitra Bisht
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
3913.💐 *पूर्णिका* 💐
3913.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बिना जिसके न लगता दिल...
बिना जिसके न लगता दिल...
आर.एस. 'प्रीतम'
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
शेखर सिंह
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
दस लक्षण पर्व
दस लक्षण पर्व
Seema gupta,Alwar
औरत की अभिलाषा
औरत की अभिलाषा
Rachana
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
Phool gufran
नारीत्व
नारीत्व
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"दर्द के फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
दीया और बाती
दीया और बाती
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सुविचार
सुविचार
Sunil Maheshwari
तन्हा था मैं
तन्हा था मैं
Swami Ganganiya
प्रीत लगाकर कर दी एक छोटी सी नादानी...
प्रीत लगाकर कर दी एक छोटी सी नादानी...
Jyoti Khari
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
Shweta Soni
*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*
*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
VINOD CHAUHAN
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
Sonam Puneet Dubey
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
Loading...