Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2023 · 2 min read

मां

मां होती है मां , मां के जैसा और कोई नहीं,
ममता और करुणा की साक्षात देवी होती है मां,
अपने पहले जो बच्चों के बारे में सोच,
वह होती है मां।
…………..
भारतीय संस्कारों और संस्कृति की जननी होती है मां,
बच्चों की प्रथम गुरु कहलाती है मां,
खुद भूखी रहकर बच्चों का,
भरण पोषण कोई कमी नहीं रखती है मां।
…………….
खुद अनपढ़ या कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद,
बच्चों को अच्छी आजीविका के लिए,
पढ़ाई करवाकर तैयार करती है मां।
…………
बेटी की सच्ची सहली कहलाती है मां,
बेटी को कब क्या चाहिए सब जानती है मां,
अच्छे संस्कार सृजित कर,
ससुराल के लिए तैयार करती है मां।
…………………
बेटी को भी बेटे के बराबर,
अधिकार देने की बात करती है मां,
अपनी जवानी अपने बच्चों के नाम,
न्यौछावर करती है मां।
……………
चूल्हा चौका संभालने के साथ,
घर का बजट भी संभालती है मां,
छोटे छोटे रोगों की दवाई देकर,
अपने घर की वैद्य कहलाती है मां,
दादी नानी के नुस्खों को,
घर पर आजमाती है मां।
……….……
बच्चों के नाज़ नखरे उठाती है मां,
बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी,
यही बात अपने मन को समझाती है मां,
बेटी, बहिन , बहु, प्रेयसी, पत्नी के बाद,
मां के रूप में नारी के किरदार को,
अच्छे से निभाती है मां।
इसलिए मां सच्ची हितैसी है,
और कोई दूसरा कोई नहीं।
………….
मां की खुशी में देवी देवताओं की खुशी है,
मां का अनादर देवी देवताओं का अनादर है,
मां को दुखी करके देवी देवता की पूजा अर्चना व्यर्थ है,
मां के चरणों में ही तीनों भुवनों का सुख है।

घोषणा – उक्त रचना मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है। यह रचना पहले फेसबुक पेज या व्हाट्स एप ग्रुप पर प्रकाशित नहीं हुई है।

डॉ प्रवीण ठाकुर
भाषा अधिकारी
निगमित निकाय भारत सरकार
शिमला हिमाचल प्रदेश।

Language: Hindi
1 Like · 96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*जितना आसान है*
*जितना आसान है*
नेताम आर सी
खींच तान
खींच तान
Saraswati Bajpai
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
Ravi Prakash
प्रियतम
प्रियतम
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दोहा
दोहा
Dushyant Baba
एक कहानी- पुरानी यादें
एक कहानी- पुरानी यादें
Neeraj Agarwal
तेरे दिल को मैं छुआ करूं
तेरे दिल को मैं छुआ करूं
Dr fauzia Naseem shad
गुनाह लगता है किसी और को देखना
गुनाह लगता है किसी और को देखना
Trishika Srivastava Dhara
अभागा
अभागा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कोई ना अपना रहनुमां है।
कोई ना अपना रहनुमां है।
Taj Mohammad
शिक्षक
शिक्षक
Mukesh Kumar Sonkar
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गौरैया दिवस
गौरैया दिवस
Surinder blackpen
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जब अन्तस में घिरी हो, दुख की घटा अटूट,
जब अन्तस में घिरी हो, दुख की घटा अटूट,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
शेयर
शेयर
rekha mohan
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
"जब मानव कवि बन जाता हैं "
Slok maurya "umang"
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
हर सीख बेटियों को--------
हर सीख बेटियों को--------
Dr.Pratibha Prakash
जय रावण जी / मुसाफ़िर बैठा
जय रावण जी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
प्रेम जोगन मीरा
प्रेम जोगन मीरा
Shekhar Chandra Mitra
सीखने की, ललक है, अगर आपमें,
सीखने की, ललक है, अगर आपमें,
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
अधूरी चाहत
अधूरी चाहत
Faza Saaz
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
गुणगान क्यों
गुणगान क्यों
सत्य प्रकाश शुक्ल
कलम की ताकत और कीमत को
कलम की ताकत और कीमत को
Aarti Ayachit
तिरंगा
तिरंगा
Pakhi Jain
सिकन्दर बनकर क्या करना
सिकन्दर बनकर क्या करना
Satish Srijan
✍️✍️चार बूँदे...✍️✍️
✍️✍️चार बूँदे...✍️✍️
'अशांत' शेखर
Loading...