मां सबसे बड़ी होती है
बस एक शब्द भर नही है
मात्र एक रिश्ता भर नही है
मां
पुरी दुनिया से बड़ी है
सिर्फ़ बच्चे को जन्म भर नही देती
केबल बच्चे को पालकर बड़ा भर नही करती
मां
जीवन को जीवन देती है
लहू दूध बनकर जब छाती से उतरता है
तब कही जाकर बच्चे का पेट भरता है
जब बच्चा अपना पेट भरने के काबिल हो जाता है
तब मां को भूखे पेट रखता है
तब भी मां बच्चे को हाय नही देती
मुस्कुरा देती है
जिस तरह बचपन में आंचल की छांव से
कड़ी धूप में बच्चे को ढकती थी
उस तरह से आज भी उसके सारे पापों को ढकती है
चुपचाप अनाथ आश्रम में रहती है
खुद से खुद के आंसू पोछकर
मेरे बच्चे खुश रहें
मन ही मन यह कहकर दुआ देती है
सच कहता हूं मैं
मां
ईश्वर , अल्लाह , भगवान , खुदा
इस दुनिया का जो भी परमात्मा है
उससे बड़ी होती है