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2 May 2022 · 1 min read

मां-बाप

आज अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
वो देखो मां-बाप कितना जार जार रो रहे हो।।

चुन चुन कर ख्वाबों से यूं सजाया था।
दीवारों दर तो छूटा ही है रिश्ते भी खो रहे है।।

✍✍ताज मोहम्मद✍✍

Language: Hindi
Tag: शेर
282 Views
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