Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2018 · 1 min read

माँ

भोलेपन की सूरत,पर माँ पिघल जाती है।
श्रृंगार स्वरूप सब भूल कर,लोरी में घुल जाती है।।
कोई बता दे उसकी ममता,की कैसी ये चादर ।
उठ-उठ कर आती माँ मेरी,ऐसा ममता का आँचल ।।

भीगे तन में बैठी,माँ ऐसी तेरी पूजा ।
उठ ना जाये निंदिया,तुझसा ना कोई दूजा ।।
कितना पराया तुमको कर दें,या हो हम दुःख में शामिल ।
उठ-उठ कर आती माँ मेरी, ऐसा ममता का आँचल ।।

बान्धी हें प्रेम की डोरी,अँगना में जो मेरी।
सरल हो रहा जीवन,जब से सुन ली लोरी।।
जब-जब बिगड़े शब्द मेरे,या हो गया मैं विरहन।
उठ-उठ कर आती माँ मेरी ऐसा ममता का आँचल।।

लेखक प्रकाश चंद्र जुयाल
गैरसैण चमोली (उत्तराखंड)

15 Likes · 48 Comments · 746 Views

Books from Prakash juyal 'मुकेश'

You may also like:
इंसान की सूरत में
इंसान की सूरत में
Dr fauzia Naseem shad
समय पर संकल्प करना...
समय पर संकल्प करना...
Manoj Kushwaha PS
माफ कर देना मुझको
माफ कर देना मुझको
gurudeenverma198
कल बहुत कुछ सीखा गए
कल बहुत कुछ सीखा गए
Dushyant kumar Patel
एक पराई नार को 💃🏻
एक पराई नार को 💃🏻
Yash mehra
मुझ पर तुम्हारे इश्क का साया नहीं होता।
मुझ पर तुम्हारे इश्क का साया नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
शुभारम्भ है
शुभारम्भ है
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Parents-just an alarm
Parents-just an alarm
Nav Lekhika
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
Buddha Prakash
समय सीमित है इसलिए इसे किसी और के जैसे जिंदगी जीने में व्यर्
समय सीमित है इसलिए इसे किसी और के जैसे जिंदगी जीने में व्यर्
Shashi kala vyas
सुप्रभातम
सुप्रभातम
Ravi Ghayal
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
DrLakshman Jha Parimal
इशारा दोस्ती का
इशारा दोस्ती का
Sandeep Pande
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
डॉ. दीपक मेवाती
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में
Surinder blackpen
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
*देहातों में हैं सजग, मतदाता भरपूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2246.🌹इंसान हूँ इंसानियत की बात करता हूँ 🌹
2246.🌹इंसान हूँ इंसानियत की बात करता हूँ 🌹
Dr.Khedu Bharti
■ आज का कटाक्ष...
■ आज का कटाक्ष...
*Author प्रणय प्रभात*
लॉकडाउन के बाद नया जीवन
लॉकडाउन के बाद नया जीवन
Akib Javed
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
AmanTv Editor In Chief
रहे टनाटन गात
रहे टनाटन गात
Satish Srijan
भ्रम जाल
भ्रम जाल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
💐प्रेम कौतुक-179💐
💐प्रेम कौतुक-179💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"वे लिखते हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
Dr Archana Gupta
सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना है,
सोती रातों में ख़्वाब देखा अब इन आँखों को जागना है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
तुम अपने खुदा पर यकीन रखते हों
shabina. Naaz
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
सांच कह्यां सुख होयस्यी,सांच समद को सीप।
विमला महरिया मौज
संध्या वंदन कीजिए,
संध्या वंदन कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...