Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2019 · 1 min read

माँ एक लेख,सारी दुनिया ले देख

माँ पर लिखना इतना सहज और सरल नहीं है
जितना हम सोच लेते हैं
क्योंकि माँ शब्द को शब्दों के व्याकरण में तो बांधा जा सकता है
लेकिन माँ शब्द की भावना का मूल्यांकन
शब्दकोश के सीमित शब्दों से अभिव्यक्त ही नहीं किया जा सकता है
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का आप सदुपयोग निःसंदेह कर सकते हैं
पर किसी शब्द से दूसरे शब्द का कदापि नहीं
तो क्या माँ पर लिखना निरर्थक है
नहीं, जी बिल्कुल नहीं
यह कार्य केवल सूर्य को दीपक दिखाने के समान है
बहुत ही तुच्छ प्रयास
किंचित मात्र
यथार्थ तो ये है कि
आज तक कोई ऐसा व्यक्ति ही पैदा नहीं हुआ है
जो माँ की सर्वाधिक उपयुक्त परिभाषा प्रदान कर सके
माँ के स्वरूप का पूर्ण उल्लेख या वर्णन कर सके
विभिन्न कलमकारों का प्रयत्न मात्र
खण्डकाव्य है, महाकाव्य नहीं
और सभी इसी धर्म का अनुपालन करते हैं
मैं स्वयं भी
हो सकता है आपका मत भिन्न हो
पर भावना अभिन्न नहीं है
माँ की जय हो
माँ हो तो जय हो
माँ को नमन है, माँ को वंदन है
इस प्रकाशहीन आदित्य का
माँ को हृदय से अभिनंदन है।

पूर्णतः मौलिक स्वरचित लेख
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
लिलि रे
लिलि रे """श्रद्धांजलि!"""""""""
श्रीहर्ष आचार्य
*शाश्वत सत्य*
*शाश्वत सत्य*
Shashank Mishra
■ बड़े काम की बात।।
■ बड़े काम की बात।।
*प्रणय*
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
*** मेरे सायकल की सवार....! ***
VEDANTA PATEL
कार्य महान
कार्य महान
surenderpal vaidya
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
निर्धन की  यह झोपड़ी,
निर्धन की यह झोपड़ी,
sushil sarna
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दुःख दर्द से भरी जिंदगी
दुःख दर्द से भरी जिंदगी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
Ranjeet kumar patre
" याद रहे "
Dr. Kishan tandon kranti
नहीं हम भूल पाएंगे
नहीं हम भूल पाएंगे
डिजेन्द्र कुर्रे
2561.पूर्णिका
2561.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दशहरे पर दोहे
दशहरे पर दोहे
Dr Archana Gupta
जियान काहें कइलअ
जियान काहें कइलअ
आकाश महेशपुरी
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरु रुष्टे न कश्चन:।गुरुस्त्राता ग
Shashi kala vyas
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
- कलयुगी विचार -
- कलयुगी विचार -
bharat gehlot
खुरदरे हाथ
खुरदरे हाथ
आशा शैली
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
राष्ट्र सेवा के मौनव्रती श्री सुरेश राम भाई
Ravi Prakash
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहे
दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
पुत्र की भूमिका निभाते वक्त माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतर
पुत्र की भूमिका निभाते वक्त माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतर
पूर्वार्थ
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
विधु की कौमुदी
विधु की कौमुदी
Vivek Pandey
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
Bidyadhar Mantry
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत
Abhishek Soni
ज़ब्त को जितना आज़माया है
ज़ब्त को जितना आज़माया है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...