Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2023 · 1 min read

महफ़िल से जाम से

महफ़िल से जाम से
कभी करना न तू जुदा,
साकी रहे सलामत,
सलामत हो मैकदा।
उम्र ए तमाम गुजरे
किसी रिन्द के मानिन्द।
अदना को दिखता पीकर
हर जर्रे में खुदा।
-सतीश सृजन

1 Like · 49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चली जाऊं जब मैं इस जहां से.....
चली जाऊं जब मैं इस जहां से.....
Santosh Soni
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
Vishal babu (vishu)
श्वान प्रेम
श्वान प्रेम
Satish Srijan
चाय की दुकान पर
चाय की दुकान पर
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-395💐
💐प्रेम कौतुक-395💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रेल दुर्घटना
रेल दुर्घटना
Shekhar Chandra Mitra
स्वार्थ
स्वार्थ
Sushil chauhan
जीवन के मोड़
जीवन के मोड़
Ravi Prakash
"लक्ष्मण-रेखा"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी अगर आसान होती🍀
ज़िंदगी अगर आसान होती🍀
Skanda Joshi
अपना जीवन पराया जीवन
अपना जीवन पराया जीवन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गोविंदा श्याम गोपाला
गोविंदा श्याम गोपाला
Bodhisatva kastooriya
हम दो अंजाने
हम दो अंजाने
Kavita Chouhan
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
इतनी महंगी हो गई है रिश्तो की चुंबक
कवि दीपक बवेजा
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन हमेशा इसी बात से परेशान रहा,
मन हमेशा इसी बात से परेशान रहा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
Mahendra Narayan
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
हमनें मांगी कहां दुआ कोई
Dr fauzia Naseem shad
कलयुगी दोहावली
कलयुगी दोहावली
Prakash Chandra
बच कर रहता था मैं निगाहों से
बच कर रहता था मैं निगाहों से
Shakil Alam
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
Prabhu Nath Chaturvedi
ਮੁੰਦਰੀ ਵਿੱਚ ਨਗ ਮਾਹੀਆ।
ਮੁੰਦਰੀ ਵਿੱਚ ਨਗ ਮਾਹੀਆ।
Surinder blackpen
".... कौन है "
Aarti sirsat
"थामता है मिरी उंगली मेरा माज़ी जब भी।
*Author प्रणय प्रभात*
मत बुझा मुहब्बत के दिए जलने दे
मत बुझा मुहब्बत के दिए जलने दे
shabina. Naaz
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हिन्दी दोहा बिषय- सत्य
हिन्दी दोहा बिषय- सत्य
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यूँ तो समुंदर बेवजह ही बदनाम होता है
यूँ तो समुंदर बेवजह ही बदनाम होता है
'अशांत' शेखर
कलमी आजादी
कलमी आजादी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
Loading...