*मरण है सबसे मुश्किल* 【_कुंडलिया_】

*मरण है सबसे मुश्किल* 【_कुंडलिया_】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
मुश्किल यह सबसे बड़ी ,कैसे निकलें प्राण
बूढ़ा तन जर्जर हुआ ,सौ – सौ चुभते बाण
सौ – सौ चुभते बाण , न लेटा – बैठा जाता
वाणी भी अवरुद्ध ,आँख से दिख कब पाता
कहते रवि कविराय , डूबता रहता है दिल
कटे न अंतिम काल ,मरण है सबसे मुश्किल
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
*मोबाइल 999761 5451*