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6 Feb 2022 · 1 min read

मन

खुद को जब खंगाला मैंने,
क्या बोलूँ क्या पाया मैंने?
अति कठिन है मित्र तथ्य वो,
बामुश्किल ही मैं कहता हूँ,
हौले कविता मैं गढ़ता हूँ,
हौले कविता मैं गढ़ता हूँ।

अजय अमिताभ सुमन
सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
Tag: हाइकु
266 Views

Books from AJAY AMITABH SUMAN

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