Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2022 · 1 min read

मन संसार

जीत लिया मन को जिसने,
जीत चुका वो ही संसार,
मन से ही संसार बसे है,
जीत मन से मन से ही हार।……(1)

मन के अंदर जो भी बसे,
मन से ही बाहर है दिखें,
मन दर्पण सा ऐसा है,
झूठ-सच मन से ही दिखें।……(2)

मन मारने से जीवन है मरे,
तन मरने से मरे है प्राण,
प्राण मरे से मुक्ति मिल जाए,
मन मरने से सकल जीवन बेकार।……(3)

मन की चाल परिवर्तन शील,
हर क्षण में परिवर्तन दिखाए,
मन को साधे जो भी अपने,
वो ही मन से मन की कराए।……..(4)

मन में जिसके बस गये भगवान
मन उसका ही अस्थिर होए,
लोभ मोह क्रोध अहंकार छूटे,
मन के बंधन से मुक्त हो जाए।…….(5)

✍🏼✍🏼
बुद्ध प्रकाश
मौदहा जिल- हमीरपुर।

1 Like · 86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Buddha Prakash

You may also like:
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
Charu Mitra
बारिश
बारिश
Sushil chauhan
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मां की अभिलाषा
मां की अभिलाषा
RAKESH RAKESH
चाय
चाय
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Things to learn .
Things to learn .
Nishant prakhar
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
Aruna Dogra Sharma
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
जीवन की सच्चाई
जीवन की सच्चाई
Sidhartha Mishra
सबकी खैर हो
सबकी खैर हो
Shekhar Chandra Mitra
2261.
2261.
Dr.Khedu Bharti
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
Buddha Prakash
महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए है
महंगाई नही बढ़ी खर्चे बढ़ गए है
Ram Krishan Rastogi
शुभ_रात्रि
शुभ_रात्रि
*Author प्रणय प्रभात*
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सुख -दुख
सुख -दुख
Acharya Rama Nand Mandal
लफ्ज़
लफ्ज़
डॉ प्रवीण ठाकुर
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐प्रेम कौतुक-474💐
💐प्रेम कौतुक-474💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हरि घर होय बसेरा
हरि घर होय बसेरा
Satish Srijan
लव यू इंडिया
लव यू इंडिया
Kanchan Khanna
दीपावली 🎇🪔❤️
दीपावली 🎇🪔❤️
Skanda Joshi
सृजन
सृजन
Prakash Chandra
बिना तुम्हारे
बिना तुम्हारे
Shyam Sundar Subramanian
प्रश्चित
प्रश्चित
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम चाहो तो मुझ से मेरी जिंदगी ले लो
तुम चाहो तो मुझ से मेरी जिंदगी ले लो
shabina. Naaz
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
*मिलाओ एक टेलीफोन, तो झगड़ा निपट जाए (मुक्तक)*
*मिलाओ एक टेलीफोन, तो झगड़ा निपट जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अपना सपना :
अपना सपना :
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
विषाद
विषाद
Saraswati Bajpai
Loading...