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10 Jan 2022 · 1 min read

मन के समुंदर में किनारे बहुत हैं

मन के समुंदर में
किनारे बहुत हैं
ठहरने को यहां
बहाने बहुत हैं!

खाली न होगा
कभी ये घरौंदा
इस घरोंदे के
चाहने वाले बहुत हैं!!

इस घरोदें का
दिलो दरिया बड़ा है
किन्तु इसे मिटाने
वाले बहुत हैं!

मन के समुंदर में
किनारे बहुत हैं
ठहरने को यहां
बहाने बहुत हैं!!

संतोष जोशी
गरुड़ बागेश्वर
उत्तराखंड

Language: Hindi
Tag: कविता
300 Views
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