Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2022 · 1 min read

मन के भीतर

मन के भीतर
कुछ कुछ व्यवस्थित सा
कुछ अव्यवस्थित सा
विचारों का समूह होता है
सुख और दुःख आशा-निराशा
संतोष-असंतोष शेष सभी कुछ
जिनको जीता है कभी
तो कभी मर जाता है
ये विचारों का प्रवाह
जिसे कौन बांध पाया है
हमारे विचारों से उपजी
हमारी मानसिकता करती है
हमें परिभाषित
जो होती है
हमारे व्यक्तित्व की पहचान
और हमारे मन का दर्पण भी ।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: कविता
9 Likes · 1 Comment · 171 Views
You may also like:
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
मनोज कर्ण
कहाँ मिलेंगे तेरे क़दमों के निशाँ
कहाँ मिलेंगे तेरे क़दमों के निशाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैथिल ब्राह्मण महासभामे मैथिली वहिष्कार, संस्कृत भाषाके सम्मान !
मैथिल ब्राह्मण महासभामे मैथिली वहिष्कार, संस्कृत भाषाके सम्मान !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*शुभ्रा मिश्रा जी : मेरी पहली प्रशंसक*
*शुभ्रा मिश्रा जी : मेरी पहली प्रशंसक*
Ravi Prakash
राष्ट्रीय एकता दिवस
राष्ट्रीय एकता दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ लीक से हट कर.....
■ लीक से हट कर.....
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-317💐
💐प्रेम कौतुक-317💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रेम कविता
प्रेम कविता
Rashmi Sanjay
" व्यथा पेड़ की"
Dr Meenu Poonia
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन की सोच/JIVAN Ki SOCH
जीवन की सोच/JIVAN Ki SOCH
Shivraj Anand
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
गुदडी के लाल, लालबहादुर शास्त्री
गुदडी के लाल, लालबहादुर शास्त्री
Ram Krishan Rastogi
मध्यम वर्गीय परिवार ( किसान)
मध्यम वर्गीय परिवार ( किसान)
Nishant prakhar
तलाकशुदा
तलाकशुदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रिश्ता
रिश्ता
Dr. Kishan tandon kranti
कपालभाती के लाभ
कपालभाती के लाभ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
इसमें कोई दो राय नहीं है
इसमें कोई दो राय नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
अज्ञात
अज्ञात
Shyam Sundar Subramanian
आओगे मेरे द्वार कभी
आओगे मेरे द्वार कभी
Kavita Chouhan
शादी
शादी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
* सृजक *
* सृजक *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परोपकारी धर्म
परोपकारी धर्म
Shekhar Chandra Mitra
तम  भरे  मन  में  उजाला  आज  करके  देख  लेना!!
तम भरे मन में उजाला आज करके देख लेना!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मुझमें अभी भी प्यास बाकी है ।
मुझमें अभी भी प्यास बाकी है ।
Arvind trivedi
बाल कहानी- प्रिया
बाल कहानी- प्रिया
SHAMA PARVEEN
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
और चलते रहे ये कदम यूँही दरबदर
और चलते रहे ये कदम यूँही दरबदर
'अशांत' शेखर
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
Loading...