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22 Oct 2022 · 1 min read

मन का घाट

मन अक्सर बन जाता है
मणिकर्णिका घाट!
जहाॅं गिर पड़ता है मेरे
प्रेम का कर्ण फूल..
पर उसे ढूॅंढने ..
वहाॅं तक..
कभी पहुॅंच नहीं पाते हैं..
मेरे शंकर!

रश्मि लहर

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 2 Comments · 83 Views
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