Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2016 · 1 min read

मन्ज़रों के नाम होकर रह गयी

मन्ज़रों के नाम होकर रह गयी
खास सुरत आम होकर रह गयी

रात दुख की काटकर बैठै ही थे
जिन्दगी की शाम होकर रह गयी

ज़िंदगी का नाम क्या रखता कोई
मौत का पैग़ाम होकर रह गयी

रफ्ता रफ्ता पी लिए और जी लिए
ज़िंदगी क्या जाम होकर रह गयी

शायरी इन’आम की हक़दार थी
अब तो बस इल्ज़ाम होकर रह गयी

– नासिर राव

1 Comment · 691 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
सत्य कुमार प्रेमी
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
वो न जाने कहाँ तक मुझको आजमाएंगे
VINOD CHAUHAN
इस ठग को क्या नाम दें
इस ठग को क्या नाम दें
gurudeenverma198
#लघु कविता
#लघु कविता
*प्रणय प्रभात*
3804.💐 *पूर्णिका* 💐
3804.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
महापुरुषों की मूर्तियां बनाना व पुजना उतना जरुरी नहीं है,
शेखर सिंह
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मायका
मायका
Mukesh Kumar Sonkar
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जय महादेव
जय महादेव
Shaily
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
आप किसी के बुरे बर्ताव से दुखी है तो इसका मतलब वो लोगो का शो
आप किसी के बुरे बर्ताव से दुखी है तो इसका मतलब वो लोगो का शो
Rj Anand Prajapati
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
पूर्वार्थ
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
वक्त जब बदलता है
वक्त जब बदलता है
Surinder blackpen
राहुल की अंतरात्मा
राहुल की अंतरात्मा
Ghanshyam Poddar
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
Satish Srijan
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
shabina. Naaz
हर इक शाम बस इसी उम्मीद में गुजार देता हूं
हर इक शाम बस इसी उम्मीद में गुजार देता हूं
शिव प्रताप लोधी
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गंणपति
गंणपति
Anil chobisa
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
लम्हें यादों के.....
लम्हें यादों के.....
कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
"आज कल परसों"
Dr. Kishan tandon kranti
छोटे दिल वाली दुनिया
छोटे दिल वाली दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
Loading...