Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

*मनकहताआगेचल*

मनकहताआगेचल
अंजानी है राहें,
बेपरवाह निगाहें।
मंजि़लों का,
मंज़र दूर सही।

मन कहता
आगे चल।

अंधियारा,
छाया हो।
विषम
परिस्थितियों का
कितना ही,
घना साया हो,
कितनी भी हो,
दूर डगर

मन कहता,
आगे चल।

कहीं भीड़,
कहीं अकेलापन हो।
मझधार में,
फंसा तेरा मन हो।
जीवन की,
यह माया है।
तेरे स्वप्न-विचारों पर
कैसा भी
घना साया हो।

मन कहता,
आगे चल।।

सपनों के पूरे,
होने का क्षण,
क्या मेहनत के
बिन आया है?
कठिन परिश्रम
के बाद ही,
मनुष्य ने
मंजि़लों को,
पाया है।

मंजि़ले हों
दूर सही,
अतःमन में,
सद्भाव लिए,
अवगुणों से,
अवकाश लिए।

मन कहता
आगे चल।

भूत गया,
वर्तमान के,
उच्च विचारों से।
भविष्य का,
मंथन कर ले।
बिना डरे,
ना रुके कहीं।
सच्चाई के,
पथ पर,
निश्चित ही।

मन कहता,
आगे चल।
मन कहता
तू आगे चल।।
डॉ प्रिया।
अयोध्या।

Language: Hindi
72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Lokesh Sharma
3735.💐 *पूर्णिका* 💐
3735.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रिश्ता चाहे जो भी हो,
रिश्ता चाहे जो भी हो,
शेखर सिंह
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अल्फाज (कविता)
अल्फाज (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
कुदरत और भाग्य के रंग..... एक सच
कुदरत और भाग्य के रंग..... एक सच
Neeraj Agarwal
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
भारत की सेना
भारत की सेना
Satish Srijan
हमारा ये जीवन भी एक अथाह समंदर है,
हमारा ये जीवन भी एक अथाह समंदर है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Shankar Dwivedi's Poems
Shankar Dwivedi's Poems
Shankar Dwivedi (1941-81)
# खरी  बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और      को छोड़कर
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और को छोड़कर
Rakesh Singh
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
সেই আপেল
সেই আপেল
Otteri Selvakumar
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
न अच्छे बनो न बुरे बनो
न अच्छे बनो न बुरे बनो
Sonam Puneet Dubey
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
Monika Arora
*सोना-चॉंदी कह रहे, जो अक्षय भंडार (कुंडलिया)*
*सोना-चॉंदी कह रहे, जो अक्षय भंडार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिंदगी की सांसे
जिंदगी की सांसे
Harminder Kaur
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
क्या एक बार फिर कांपेगा बाबा केदारनाथ का धाम
Rakshita Bora
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुरली की धू न...
मुरली की धू न...
पं अंजू पांडेय अश्रु
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
सरकारी नौकरी लगने की चाहत ने हमे ऐसा घेरा है
पूर्वार्थ
रोशनी चुभने लगे
रोशनी चुभने लगे
©️ दामिनी नारायण सिंह
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
चेहरे पर लिए तेज निकला है मेरा यार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...