Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2024 · 1 min read

मध्यम परिवार….एक कलंक ।

मध्यम परिवार की पता ना कैसी मजबूरी है ।
पिता और बेटे की अनचाही सी दूरी है 😔
अपने संघर्ष के दिनों में …….
मानचित्र और किताबों से रत्न चुराता हूं।
पाता हूं कमरे में अपने आप को हताश अकेला
करता हूं फिर एक बार खुद पर भरोसा
सफलता के लिए संघर्ष जारी है ।
घर जा कर पाता हूं थोड़ा घर बदल जाता है थोड़ा मैं बदल जाता हु….!
पिता मुझे थोड़े बूढ़े नजर आते हैं
मैं उन्हें बड़ा नजर आता हूं .।
मां कुछ भोली नजर आती है
मैं खुद को समझदार पाता हूं ।
एक दिन IAS बन के घर जाना है💯
पहली salary से मां के लिए साड़ी ले जाना है ❤️
साथ ही ……….।
पापा के नाम से अपनी पहचान कराना है.।

विवेक शर्मा विशा🥇
इलाहाबाद विश्वविद्यालय 🎓

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

महसूस करो दिल से
महसूस करो दिल से
Dr fauzia Naseem shad
मज़दूर
मज़दूर
कुमार अविनाश 'केसर'
डॉ0 मिश्र का प्रकृति प्रेम
डॉ0 मिश्र का प्रकृति प्रेम
Rambali Mishra
रंग
रंग
आशा शैली
4034.💐 *पूर्णिका* 💐
4034.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माता- पिता
माता- पिता
Dr Archana Gupta
प्रदीप : श्री दिवाकर राही  का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
Ravi Prakash
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
पूर्वार्थ
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दोहा सप्तक. . . . . . रोटी
दोहा सप्तक. . . . . . रोटी
sushil sarna
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
इज़्ज़त पर यूँ आन पड़ी थी
अरशद रसूल बदायूंनी
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
Ranjeet kumar patre
माता-पिता वो नींव है
माता-पिता वो नींव है
Seema gupta,Alwar
उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती,
उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती,
manjula chauhan
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
कोई तुम्हें टूट के चाहे तो क्या कीजिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
फलक के सितारे
फलक के सितारे
शशि कांत श्रीवास्तव
कुछ नया करो।
कुछ नया करो।
Kuldeep mishra (KD)
कलम तो उठा ली,
कलम तो उठा ली,
Karuna Goswami
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चिंटू चला बाज़ार | बाल कविता
चिंटू चला बाज़ार | बाल कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
" मँगलमय नव-वर्ष-2024 "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
कवि दीपक बवेजा
हर जमीं का कहां आसमान होता है
हर जमीं का कहां आसमान होता है
Jyoti Roshni
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
*** लम्हा.....!!! ***
*** लम्हा.....!!! ***
VEDANTA PATEL
" नज़र "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...