Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2023 · 1 min read

मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,

मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,
मुस्कुराहट की एक छोटी सी दुकान है और नफरतों का बाजार है !!

Vishal babu

1 Like · 332 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फ़ब्तियां
फ़ब्तियां
Shivkumar Bilagrami
💐प्रेम कौतुक-341💐
💐प्रेम कौतुक-341💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
✍️बहोत गर्मी है✍️
✍️बहोत गर्मी है✍️
'अशांत' शेखर
सच तो बस
सच तो बस
Neeraj Agarwal
 
  " परिवर्तन "
Dr Meenu Poonia
होली और रंग
होली और रंग
Arti Bhadauria
जूते जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
जूते जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
2324.पूर्णिका
2324.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कौन आएगा
कौन आएगा
Dhirendra Panchal
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तुम्हें सुकूँ सा मिले।
तुम्हें सुकूँ सा मिले।
Taj Mohammad
देश भक्त का अंतिम दिन
देश भक्त का अंतिम दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
'पिता'
'पिता'
पंकज कुमार कर्ण
"वक़्त के साथ सब बदलते हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
प्यार दर्पण के जैसे सजाना सनम,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
भीगे भीगे मौसम में
भीगे भीगे मौसम में
कवि दीपक बवेजा
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
मुझे भी जीने दो (भ्रूण हत्या की कविता)
Dr. Kishan Karigar
अनुभूत सत्य .....
अनुभूत सत्य .....
विमला महरिया मौज
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कथ्य-शिल्प में धार रख, शब्द-शब्द में मार।
कथ्य-शिल्प में धार रख, शब्द-शब्द में मार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हिंदुस्तानी है हम सारे
हिंदुस्तानी है हम सारे
Manjhii Masti
हे! ज्ञानदायनी
हे! ज्ञानदायनी
Satish Srijan
घायल तुझे नींद आये न आये
घायल तुझे नींद आये न आये
Ravi Ghayal
सितम ढाने का, हिसाब किया था हमने,
सितम ढाने का, हिसाब किया था हमने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
Manju sagar
"स्वर्ग-नरक की खोज"
Dr. Kishan tandon kranti
देश के खस्ता हाल
देश के खस्ता हाल
Shekhar Chandra Mitra
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा  है मैंने
आँखों का कोना एक बूँद से ढँका देखा है मैंने
शिव प्रताप लोधी
Loading...