मत पूछना तुम इसकी वजह

मत पूछना तुम इसकी वजह, यह क्या कर रहा हूँ।
तुमको परेशान इस तरहां अब, क्यों मैं कर रहा हूँ।।
मत पूछना तुम इसकी वजह—————।।
पहले तो खेला मुझसे, मोहब्बत का खेल तुमने।
खिलौना फिर मान पुराना, तोड़ दिया दिल तुमने।।
मैं तो बस उसकी कीमत ही, तुमसे मांग रहा हूँ।
मत पूछना तुम इसकी वजह—————-।।
मुझको बताओ तुमको कब, नहीं दी खुशी मैंने।
ऑंसू बहाये कब नहीं दिलबर, तेरे दर्द पर मैंने।।
अब तुमको इस तरहां दर्द, मैं क्यों दे रहा हूँ।
मत पूछना तुम इसकी वजह—————।।
इस तरहां लगाने से पहले, मुझपे इल्जाम तुमने।
देखा होता आईना अपना,अच्छी तरह से तुमने।।
दाग तुम्हारे दामन पर ऐसे, मैं क्यों लगा रहा हूं।
मत पूछना तुम इसकी वजह—————-।।
नहीं मिलेगा मुझसा कभी,तुमको प्यार किसी से।
रोशन चिराग तुम्हारा था, अब तक सिर्फ मुझसे।।
अब इस तरहां चिराग तुम्हारा, क्यों बुझा रहा हूँ।
मत पूछना तुम इसकी वजह—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ साहित्यकार
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)