Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2022 · 1 min read

#मजबूरिया

दर्द अपना लिख ना पाये उंगलियां जलती रही
किस्मत के पहरे में दिल की चिट्ठियां जलती रही
तुमसे मिलना चाह तो देश मे रेलगाड़ियां जलती रही
तुम मुझसे मिलने ना आ पाए तुम मजबूरियों में जलती रही
दर्द अपना लिख ना पाये उंगलियां जलती रही
किस्मत के पहरे में दिल की चिट्ठियां जलती रही

2 Likes · 288 Views
You may also like:
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-337💐
💐प्रेम कौतुक-337💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हर रास्ता मंजिल की ओर नहीं जाता।
हर रास्ता मंजिल की ओर नहीं जाता।
Annu Gurjar
आजमाइशों में खुद को क्यों डालते हो।
आजमाइशों में खुद को क्यों डालते हो।
Taj Mohammad
तुझे मतलूब थी वो रातें कभी
तुझे मतलूब थी वो रातें कभी
Manoj Kumar
मीडिया की विश्वसनीयता
मीडिया की विश्वसनीयता
Shekhar Chandra Mitra
About my first poem
About my first poem
ASHISH KUMAR SINGH
जो मैंने देखा...
जो मैंने देखा...
पीयूष धामी
सुख की खोज में दर-दर भटकने का नाम
सुख की खोज में दर-दर भटकने का नाम
Anil Mishra Prahari
भगत सिंह ; जेल डायरी
भगत सिंह ; जेल डायरी
Gouri tiwari
उत्साह एक प्रेरक है
उत्साह एक प्रेरक है
Buddha Prakash
जीवन एक चुनौती है
जीवन एक चुनौती है
Dr. Sunita Singh
*किनारे ने डुबाए जो, उन्हें डूबा नहीं मानो (मुक्तक)*
*किनारे ने डुबाए जो, उन्हें डूबा नहीं मानो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ज़ख़्म दिल का
ज़ख़्म दिल का
मनोज कर्ण
खुशी का नया साल
खुशी का नया साल
shabina. Naaz
नव संवत्सर
नव संवत्सर
Manu Vashistha
फेमस होने के खातिर ही ,
फेमस होने के खातिर ही ,
Rajesh vyas
संस्कार - कहानी
संस्कार - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बख़्श दी है जान मेरी, होश में क़ातिल नहीं है
बख़्श दी है जान मेरी, होश में क़ातिल नहीं है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
246.
246. "हमराही मेरे"
MSW Sunil SainiCENA
लहू का कतरा कतरा
लहू का कतरा कतरा
Satish Srijan
आदत में ही खामी है,
आदत में ही खामी है,
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
■ एक नज़र हालात पर
■ एक नज़र हालात पर
*Author प्रणय प्रभात*
रोशन
रोशन
अंजनीत निज्जर
मैंने खुद को बदल के रख डाला
मैंने खुद को बदल के रख डाला
Dr fauzia Naseem shad
✍️एक ख्वाइश बसे समझो वो नसीब है
✍️एक ख्वाइश बसे समझो वो नसीब है
'अशांत' शेखर
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
Acharya Rama Nand Mandal
# अंतर्द्वंद ......
# अंतर्द्वंद ......
Chinta netam " मन "
Loading...