Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2023 · 1 min read

*मगर चलने में अपने पैर से ही चाल आती है (मुक्तक)*

*मगर चलने में अपने पैर से ही चाल आती है (मुक्तक)*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
सतत अभ्यास से संगीत में लय-ताल आती है
सदा तलवार के सँग में, सुरक्षा ढाल आती है
सफर तय कर तो लेता है, मनुज बैसाखियों से भी
मगर चलने में अपने पैर से ही चाल आती है
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

79 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
नकलची बच्चा
नकलची बच्चा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*,मकर संक्रांति*
*,मकर संक्रांति*
Shashi kala vyas
आज की जेनरेशन
आज की जेनरेशन
ruby kumari
मैं
मैं
Seema gupta,Alwar
■ सामयिक संदर्भों में...
■ सामयिक संदर्भों में...
*Author प्रणय प्रभात*
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
माँ
माँ
D.k Math { ਧਨੇਸ਼ }
अंबेडकर और भगतसिंह
अंबेडकर और भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
हट जा हट जा भाल से रेखा
हट जा हट जा भाल से रेखा
सूर्यकांत द्विवेदी
बढ़ने वाला बढ़ रहा, तू यूं ही सोता रह...
बढ़ने वाला बढ़ रहा, तू यूं ही सोता रह...
AMRESH KUMAR VERMA
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
ज़िन्दगी मैं चाल तेरी  अब  समझती जा रही हूँ
ज़िन्दगी मैं चाल तेरी अब समझती जा रही हूँ
Dr Archana Gupta
Tu itna majbur kyu h , gairo me mashur kyu h
Tu itna majbur kyu h , gairo me mashur kyu h
Sakshi Tripathi
नहीं हूँ अब मैं
नहीं हूँ अब मैं
gurudeenverma198
चंद दोहे....
चंद दोहे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर दिन नया
हर दिन नया
Dr fauzia Naseem shad
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
💐प्रेम कौतुक-209💐
💐प्रेम कौतुक-209💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कागज के फूल
कागज के फूल
डा गजैसिह कर्दम
फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,
फ़र्ज़ पर अधिकार तेरा,
Satish Srijan
हमारा प्रेम
हमारा प्रेम
अंजनीत निज्जर
दुनिया मेरे हिसाब से, छोटी थी
दुनिया मेरे हिसाब से, छोटी थी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुक्ति
मुक्ति
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विनती सुन लो हे ! राधे
विनती सुन लो हे ! राधे
Pooja Singh
ठोकर भी बहुत जरूरी है
ठोकर भी बहुत जरूरी है
Anil Mishra Prahari
खामोश आवाज़
खामोश आवाज़
Dr. Seema Varma
हथेली पर समय-रेखा, लिखा कर लोग आते हैं (मुक्तक)
हथेली पर समय-रेखा, लिखा कर लोग आते हैं (मुक्तक)
Ravi Prakash
सबके हाथ में तराजू है ।
सबके हाथ में तराजू है ।
Ashwini sharma
आत्मा की आवाज
आत्मा की आवाज
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...