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13 Jul 2022 · 1 min read

मंजिल

रास्ते सी जिंदगी
अनगिनत मोड़
घुमाव लिए
रास्ते में जगह-जगह
मिलती भीड़
यहाँ-वहाँ खड़े
दिखते झुंड
दूर कहीं पड़ाव
या मंजिल
चलना है
तय करना है
आप भीड़ में
शामिल हैं
झुंड का हिस्सा हैं
या चलेंगे अकेले
एक नयी राह बनाते हुए
एक नयी मंजिल
नयी दुनिया की खोज में ।

रचनाकार :- कंचन खन्ना, कोठीवाल नगर,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- २५/०५/२०१७.

Language: Hindi
Tag: कविता
203 Views
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