Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2023 · 1 min read

मंजिल छूते कदम

पंख मेरे छोटे हैं, इरादे तो ऊँचे हैं
उस पार बुलबुले हैं, इस पार सपने है।
कांच की दीवारें हैं, कैद में नजारे है
नन्हे से हौसले है, इन्द्र धनुषी इरादे हैं।
हजारों ख्वाहिशें हैं, लाखों उम्मीदें है
पल चाहे कितने हैं, मुट्ठी में समाये है।
लुप्त होते बुलबुले हैं, खूबसूरत नजारे है
जीवन भले छोटे हैं, जीने के ढंग अनोखे है।
हम न कभी हारे हैं, हार कर भी जीते हैं
यूँ तो कदम उठाये हैं, छू‌के मंजिल आये हैं।

Language: Hindi
2 Likes · 258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रभु संग प्रीति
प्रभु संग प्रीति
Pratibha Pandey
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
अमित
पेड़ पौधे से लगाव
पेड़ पौधे से लगाव
शेखर सिंह
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
गुरूर  ना  करो  ऐ  साहिब
गुरूर ना करो ऐ साहिब
Neelofar Khan
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
Ram Krishan Rastogi
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
DrLakshman Jha Parimal
*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
*बोली ऐसी बोलिए, चुभे न कोई बात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
प्रेम एक ऐसा मार्मिक स्पर्श है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सिपाही
सिपाही
Neeraj Agarwal
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
23/108.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/108.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
😊😊फुल-फॉर्म😊
😊😊फुल-फॉर्म😊
*प्रणय*
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
Subhash Singhai
"नंगे पाँव"
Pushpraj Anant
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
पूर्वार्थ
समस्याओं से भागना कायरता है
समस्याओं से भागना कायरता है
Sonam Puneet Dubey
खत्म न हो सकी कभी
खत्म न हो सकी कभी
Dr fauzia Naseem shad
वो मुझे
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
गोपाल हूं मैं, काल भी
गोपाल हूं मैं, काल भी
Saransh Singh 'Priyam'
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
नया सवेरा
नया सवेरा
AMRESH KUMAR VERMA
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
"वो अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
अंसार एटवी
Loading...