Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 1 min read

” मंजिल का पता ना दो “

मुझे डूबने दो तुम इस तन्हाई के सागर में
नाव का सहारा ना दो, ना ही कोई किनारा दो…।
गैर हो चुकी है राहें सारी,
मुझे तुम अब किसी भी मंजिल का पता ना दो…।।

चीखने लगी है अब तो खामोशी भी मेरी
तुम अब कोई नया इल्जाम ना दो…।
मौहब्बत तो रूह से हुई है तुम्हारी,
तुम यूं मेरे जिस्म पर दाग ना दो…।।

आँखों की कोर पर ख्वाब है सजाया
तुम इसे रूठने ना दो…।
इंतज़ार की सीमाएं भी कर रही है
बिखरने की साजिशें, तुम इन्हें टूटने ना दो…।।

दिल लगाने का कोई मौसम होता नही
तुम इस दिल के पंछी को उड़ने दो…।
खुद-ब-खुद गिर कर सम्भल जाएगा
पतझड़ की मार इसे सहने दो…।।

आँसुओं की बरसात को भला कैसे रोकूं मैं,
ये तो तुम्हारी यादें है इन्हें आँखों से बहनें दो…।
गैर हो चुकी है राहें सारी,
मुझे तुम अब किसी भी मंजिल का पता ना दो…।।

लेखिका- आरती सिरसाट
बुरहानपुर मध्यप्रदेश
मौलिक एवं स्वरचित रचना

Language: Hindi
1 Like · 102 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खैरियत का जवाब आया
खैरियत का जवाब आया
Seema 'Tu hai na'
कनि हँसियाै ने सजनी kani hasiyo ne sajni lyrics
कनि हँसियाै ने सजनी kani hasiyo ne sajni lyrics
Music Maithili
भुलाना हमारे वश में नहीं
भुलाना हमारे वश में नहीं
Shyamsingh Lodhi Rajput(LR)
भाईजान की बात
भाईजान की बात
AJAY PRASAD
जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है
जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
1...
1...
Kumud Srivastava
भरमाभुत
भरमाभुत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जो भी कहा है उसने.......
जो भी कहा है उसने.......
कवि दीपक बवेजा
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई
Prof Neelam Sangwan
धुँध
धुँध
Rekha Drolia
दिन में रात
दिन में रात
MSW Sunil SainiCENA
सब पर सब भारी ✍️
सब पर सब भारी ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक मुद्दत से।
एक मुद्दत से।
Taj Mohammad
इसीलिए मेरे दुश्मन बहुत है
इसीलिए मेरे दुश्मन बहुत है
gurudeenverma198
रात भर इक चांद का साया रहा।
रात भर इक चांद का साया रहा।
Surinder blackpen
Writing Challenge- समय (Time)
Writing Challenge- समय (Time)
Sahityapedia
पत्नी की प्रतिक्रिया
पत्नी की प्रतिक्रिया
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
Suni padi thi , dil ki galiya
Suni padi thi , dil ki galiya
Sakshi Tripathi
कम से कम दो दर्जन से ज़्यादा
कम से कम दो दर्जन से ज़्यादा
*Author प्रणय प्रभात*
वह तोड़ती पत्थर / ©मुसाफ़िर बैठा
वह तोड़ती पत्थर / ©मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
नास्तिक सदा ही रहना...
नास्तिक सदा ही रहना...
मनोज कर्ण
स्वयं से तकदीर बदलेगी समय पर
स्वयं से तकदीर बदलेगी समय पर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
✍️कबीरा बोल...✍️
✍️कबीरा बोल...✍️
'अशांत' शेखर
मैं उड़ सकती
मैं उड़ सकती
Surya Barman
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
पंकज कुमार कर्ण
【22】 तपती धरती करे पुकार
【22】 तपती धरती करे पुकार
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
तू ही बता, करूं मैं क्या
तू ही बता, करूं मैं क्या
Aditya Prakash
*एक अखंड मनुजता के स्वर, अग्रसेन भगवान हैं (गीत)*
*एक अखंड मनुजता के स्वर, अग्रसेन भगवान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
आपकी हूँ और न पर
आपकी हूँ और न पर
Buddha Prakash
दोयम दर्जे के लोग
दोयम दर्जे के लोग
Sanjay ' शून्य'
Loading...