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14 Nov 2022 · 1 min read

मंजिल का ना पता है।

ज़िंदगी जाने कैसा तेरा ये सफर है।
इक मुद्दत से चल रहे है मंजिल का ना पता है।।

लहरों ने भी कर ली हमसे दुश्मनी।
कबसे तूफां से लड़ रहे है साहिल ना मिला है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
63 Views
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