Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 1 min read

भ्रम

कल रात अनोखा,
एक स्वप्न मुझे आया।
सोयी हुई थी मैं,
उसने मुझे जगाया।
जगाया कुछ इस तरह,
फिर नींद ही न आयी।।

नींद ही न आयी,
और सुबह जब हुई।
हड़बड़ा कर देखा मैंने,
स्वप्न नहीं था कोई,
भ्रम ही था यह मेरा,
मैं तो पड़ी थी सोयी।।

रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार) ।
दिनांक :- २३/०७/२०२२.

Language: Hindi
315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Khanna
View all
You may also like:
2566.पूर्णिका
2566.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
◆नई चोंच, नए चोंचले◆
◆नई चोंच, नए चोंचले◆
*प्रणय प्रभात*
सुदामा जी
सुदामा जी
Vijay Nagar
हमें ना शिकायत है आप सभी से,
हमें ना शिकायत है आप सभी से,
Dr. Man Mohan Krishna
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
बालों की सफेदी देखी तो ख्याल आया,
बालों की सफेदी देखी तो ख्याल आया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
बेफिक्र अंदाज
बेफिक्र अंदाज
SHAMA PARVEEN
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
Ranjeet kumar patre
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
कवि रमेशराज
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
दोस्ती का सफर
दोस्ती का सफर
Tarun Singh Pawar
मेरा दुश्मन मेरा मन
मेरा दुश्मन मेरा मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुरु दीक्षा
गुरु दीक्षा
GOVIND UIKEY
अगर चुनौतियों को  ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो
अगर चुनौतियों को ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो
Sanjay ' शून्य'
मा ममता का सागर
मा ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
पूर्वार्थ
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
सत्य कुमार प्रेमी
लोभ मोह ईष्या 🙏
लोभ मोह ईष्या 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नव वर्ष (गीत)
नव वर्ष (गीत)
Ravi Prakash
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अदा बोलती है...
अदा बोलती है...
अश्क चिरैयाकोटी
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
Lokesh Sharma
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
VINOD CHAUHAN
बुंदेली दोहा- तिगैला
बुंदेली दोहा- तिगैला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"जिद और जुनून"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...