भोले भाले शिव जी
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शीर्षक- Bhole Bhale Shivji
भोले भाले हमारे शिव जी
शिवजी की नंदी की सवारी
जो भी नंदी के कान में बोलो
पूरी करते इच्छा तुम्हारी।
भोले भाले हमारे शिव जी…
ना सोना ना चांदी
ना करें कोई श्रंगार
गले में सर्पों की माला
जटाओं में बहती गंगा की धार।
भोले भाले हमारे शिवजी…..
पूरा है ब्रह्मांड तुम्हारा
पूरी है दुनिया तुम्हारी
महलों की ना चाहत इनकी
पर्वत पर है इनका सिंहासन
सबसे अनोखे त्रिनेत्र धारी।
भोले भाले हमारे शिव जी…
उनकी मंशा ये ही जाने
यही है तीनों लोकों के, त्रिलोकधारी
भोले भाले हमारे शिव जी डम डम डमरू बाजे इनका
नाचे भूलोकधारी।
भोले भाले हमारे शिव जी…..
हरमिंदर कौर
अमरोहा( यूपी )
मौलिक रचना।