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7 Nov 2022 · 1 min read

भैंस के आगे बीन बजाना

जिन कानों पर जूँ न रेंगे
क्या भला उन्हें समझाना?
बोल-बोल कर बता-बता कर
केवल अपना मुँह दुखाना
अकर्मण्य की आदत बन गई
उनसे भी क्या कर्म कराना?
वह तो सोए आँख मूंदकर
पानी छिड़क उन्हें जगाना।
बिन चारा के काम न होए
आदत में जो चारा खाना।
तंत्र सजग करना हो जैसे
भैंस के आगे बीन बजाना।

-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’

4 Likes · 2 Comments · 65 Views
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