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28 Jan 2023 · 1 min read

भूले बिसरे दिन

“तुम्हें देखे जो मेरी आंखें तो यूँ मुस्कराती है..
बेमौसम में बिन बादल के क्यूँ बरसात लाती है ..
तुम्हारा देखना छुप-छुप के,वो सीहोडे के पीछे से..
ना मिलने के बहाने भी हमें, क्या खूब सताती है “..

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
34 Views
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