भूला नहीं हूँ मैं अभी

भूला नहीं हूँ मैं अभी, वो प्यारा ख्वाब हमारा।
जिसके लिए मैंने सहा, कल दुःख इतना सारा।।
भूला नहीं हूँ मैं अभी ————————–।।
मत दो मुझको लालच तुम, दौलत-महलों का।
मत समझो शौकीन मुझे, झूलों के मौजों का।।
टूटा नहीं हूँ मैं अभी, जोश है मुझमें वो सारा।
भूला नहीं हूँ मैं अभी————————–।।
अगर देखता हूँ चेहरा तेरा,अपनी इन नजरों से।
मोहब्बत नहीं है मुझको यहाँ, इन हसीन हुर्रों से।।
ना मुझको तू है प्यारी, ना तू है ख्वाब हमारा।
भूला नहीं हूँ मैं अभी————————-।।
जिसने किया है मुझको, मजबूर-बदनाम ऐसे।
जिसने कहा है मुझको, आवारा-बदमाश ऐसे।।
वो ही करेंगे गुलामी मेरी,होगा बुलंद मेरा सितारा।
भूला नहीं हूँ मैं अभी————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)