Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2023 · 1 min read

भूख से लोग

रिज़्क तू सबको दे मेरे मौला ।
भूख से लोग मर भी जाते हैं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
तू बदल गईलू
तू बदल गईलू
Shekhar Chandra Mitra
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
You call out
You call out
Bidyadhar Mantry
इश्क की कीमत
इश्क की कीमत
Mangilal 713
आदरणीय मंच,
आदरणीय मंच,
Mandar Gangal
जुदाई
जुदाई
Dipak Kumar "Girja"
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
शेखर सिंह
जो लोग असफलता से बचते है
जो लोग असफलता से बचते है
पूर्वार्थ
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
बहुत दूर जा चुके बिछड़कर, कभी नहीं फिर आने को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"अमर रहे गणतंत्र" (26 जनवरी 2024 पर विशेष)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
Dr Archana Gupta
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
2760. *पूर्णिका*
2760. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो दौर अलग था, ये दौर अलग है,
वो दौर अलग था, ये दौर अलग है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
Neelam Sharma
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
कृष्णकांत गुर्जर
तेरी आँखों की जो ख़ुमारी है
तेरी आँखों की जो ख़ुमारी है
Meenakshi Masoom
"धरती"
Dr. Kishan tandon kranti
वह है बहन।
वह है बहन।
Satish Srijan
उन के दिए ज़ख्म
उन के दिए ज़ख्म
हिमांशु Kulshrestha
गल माला है काठ की,
गल माला है काठ की,
sushil sarna
भरे मन भाव अति पावन, करूँ मैं वंदना शिव की।
भरे मन भाव अति पावन, करूँ मैं वंदना शिव की।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इंतजार
इंतजार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
पाती कोई जब लिखता है।
पाती कोई जब लिखता है।
डॉक्टर रागिनी
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
रुपेश कुमार
ज़रूरत से ज़्यादा
ज़रूरत से ज़्यादा
*प्रणय*
*मन की सभी मलिनताओं का, होता हल संवाद है (हिंदी गजल)*
*मन की सभी मलिनताओं का, होता हल संवाद है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...