Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2022 · 1 min read

भुलाना हमारे वश में नहीं

चाहो न चाहो, तुम हमको.
मगर हम चाहते हैं, तुमको..
भुलाना हमारे, वश में नहीं.
मगर छुपाना, जानते हैं हम..
वो जाने वाले, कहां गये हो.
तुम्हें तुम्हारे, बुला रहे हैं..
सांसों की गहराईयों में, बसे हो.
जब तक हैं सांसे तुम्हें, चाहते रहेंगे..
मानो न मानो, हमारी ये कसमें.
कसमों पे सारा, जहां चल रहा हैं..
चाहो न चाहो, तुम हमको.
मगर हम चाहते हैं, तुमको..

74 Views
You may also like:
🚩फूलों की वर्षा
🚩फूलों की वर्षा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दिल कुछ आहत् है
दिल कुछ आहत् है
श्री रमण 'श्रीपद्'
विपक्ष आत्मघाती है
विपक्ष आत्मघाती है
Shekhar Chandra Mitra
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
पंकज कुमार कर्ण
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
DrLakshman Jha Parimal
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Ankita Patel
मन की पीड़ा
मन की पीड़ा
Dr fauzia Naseem shad
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
// जिंदगी दो पल की //
// जिंदगी दो पल की //
Surya Barman
हर युग में जय जय कार
हर युग में जय जय कार
जगदीश लववंशी
बेबाक
बेबाक
Satish Srijan
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
💐प्रेम कौतुक-403💐
💐प्रेम कौतुक-403💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वाणशैय्या पर भीष्मपितामह
वाणशैय्या पर भीष्मपितामह
मनोज कर्ण
चुहिया रानी
चुहिया रानी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
दीपावली का उत्सव
दीपावली का उत्सव
AMRESH KUMAR VERMA
एक दिन में इस कदर इस दुनिया में छा जाऊंगा,
एक दिन में इस कदर इस दुनिया में छा जाऊंगा,
कवि दीपक बवेजा
■ लघुकथा / #भड़ास
■ लघुकथा / #भड़ास
*Author प्रणय प्रभात*
✍️समतामूलक प्रकृति…
✍️समतामूलक प्रकृति…
'अशांत' शेखर
आइए डिजिटल उपवास की ओर बढ़ते हैं!
आइए डिजिटल उपवास की ओर बढ़ते हैं!
Deepak Kohli
बुरे फँसे हम(हास्य गीत)
बुरे फँसे हम(हास्य गीत)
Ravi Prakash
माँ आई
माँ आई
Kavita Chouhan
बाल-कविता: 'मम्मी-पापा'
बाल-कविता: 'मम्मी-पापा'
आर.एस. 'प्रीतम'
Book of the day: अर्चना की कुण्डलियाँ (भाग-2)
Book of the day: अर्चना की कुण्डलियाँ (भाग-2)
Sahityapedia
तूफानों में कश्तियों को।
तूफानों में कश्तियों को।
Taj Mohammad
सजना सिन्होरवाँ सुघर रहे, रहे बनल मोर अहिवात।
सजना सिन्होरवाँ सुघर रहे, रहे बनल मोर अहिवात।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बदलते मौसम
बदलते मौसम
Dr Archana Gupta
किसको दोष दें ?
किसको दोष दें ?
Shyam Sundar Subramanian
Siksha ke vikas ke satat prayash me khud ka yogdan de ,
Siksha ke vikas ke satat prayash me khud ka yogdan...
Sakshi Tripathi
💐🙏एक इच्छा पूरी करना भगवन🙏💐
💐🙏एक इच्छा पूरी करना भगवन🙏💐
Suraj kushwaha
Loading...