Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2016 · 1 min read

भीनी प्रेम फुहार

ले-लेकर घन दौड़ती, यहाँ-वहाँ दिन रात |
वही हवा बरसात की, लाती शुभ सौगात ||

आये वारिद झूम के, भिन्न-भिन्न आकार |
ढांक रहे हैं व्योम को , अपने पंख पसार ||

ओ मतवाले मेघ सुन, मतकर सोच विचार |
शुष्क ह्रदय पर डाल दे , भीनी प्रेम फुहार ||

रूठे घन बरसा सुधा , जी जाएं सब खेत |
वसुधा का आँचल खिले, सिमटे बालू रेत ||

चाहे मत बरसों यहाँ, मगर न जाना भूल |
मुरझाएंगे मेघ सब , नीर बिना यह फूल ||

विरहन को तरसा रहा, तपा रहा क्यों देह |
ओ अलबेले मेघ जा,…और कहीं दे मेह ||

फिर बादल नजदीक है, फिर जागा है चाव |
बना रहा है लो पुनः, मन कागज़ की नाव ||

~ अशोक कुमार रक्ताले.

Language: Hindi
1 Like · 10 Comments · 493 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कलम
कलम
Roopali Sharma
मानव धर्म प्रकाश
मानव धर्म प्रकाश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
अंसार एटवी
तुम
तुम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जिनके नसीब में था वही मोअतबर हुए
जिनके नसीब में था वही मोअतबर हुए
Dr fauzia Naseem shad
"भूल"
Dr. Kishan tandon kranti
" आराधक "
DrLakshman Jha Parimal
■ आज का शेर दिल की दुनिया से।।
■ आज का शेर दिल की दुनिया से।।
*प्रणय*
2901.*पूर्णिका*
2901.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यह मत
यह मत
Santosh Shrivastava
*कोई भी ना सुखी*
*कोई भी ना सुखी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्त्री की स्वतंत्रता
स्त्री की स्वतंत्रता
Sunil Maheshwari
*जाते तानाशाह हैं, कुर्सी को जब छोड़ (कुंडलिया)*
*जाते तानाशाह हैं, कुर्सी को जब छोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
रंग दे बसंती चोला
रंग दे बसंती चोला
डिजेन्द्र कुर्रे
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
चाय
चाय
Sangeeta Beniwal
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
एक मधुर संवाद से,
एक मधुर संवाद से,
sushil sarna
ज़िन्दगी  से  आस  रखिये और चलिये।
ज़िन्दगी से आस रखिये और चलिये।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
पूर्वार्थ
वक्त
वक्त
DrAmit Sharma 'Snehi'
तेवरी का शिल्प ग़ज़ल से भिन्न है -दर्शन बेज़ार
तेवरी का शिल्प ग़ज़ल से भिन्न है -दर्शन बेज़ार
कवि रमेशराज
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सफेद चादर
सफेद चादर
सोनू हंस
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
प्रीतम दोहावली- 3
प्रीतम दोहावली- 3
आर.एस. 'प्रीतम'
फिर एक बार 💓
फिर एक बार 💓
Pallavi Rani
Loading...