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30 Aug 2023 · 1 min read

भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!

भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
किलक उठीं रतनारी सुधियाॅं।
जीवन के रेतीले पथ पर
ढूॅंढें प्रिय को खारी अंखियाॅं।

रश्मि लहर

2 Likes · 259 Views
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