Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

भालू , मेढ़क और बंदर

टर- टर करता शोर मचाता
सबको हँसाकर मज़ा चखाता

* मेढ़क ने जब डुबकी लगायी*
मटक- मटक कर भालू आया

साथ में केला हाथ में डंडा लाया
डम-डम करता डमरू बजाता

बंदर मामा को ख़ूब नचाता
बच्चों का मन भहलाता।।✍🏻😇

1 Like · 120 Views
Books from Dr. Vaishali Verma
View all

You may also like these posts

thanhthienphu
thanhthienphu
Thanh Thiên Phú
जो बातें कही नहीं जातीं , बो बातें कहीं नहीं जातीं।
जो बातें कही नहीं जातीं , बो बातें कहीं नहीं जातीं।
Kuldeep mishra (KD)
2861.*पूर्णिका*
2861.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
Anand Kumar
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
Shweta Soni
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
Ajit Kumar "Karn"
बुरा किसी को नहीं समझना
बुरा किसी को नहीं समझना
Rambali Mishra
।। कीर्ति ।।
।। कीर्ति ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
आज   भी   इंतज़ार   है  उसका,
आज भी इंतज़ार है उसका,
Dr fauzia Naseem shad
*मेरा विश्वास*
*मेरा विश्वास*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तिनको से बना घर
तिनको से बना घर
Uttirna Dhar
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
********* प्रेम मुक्तक *********
********* प्रेम मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🙅अहम सवाल🙅
🙅अहम सवाल🙅
*प्रणय*
अपने मां बाप की कद्र करते अगर
अपने मां बाप की कद्र करते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
शुभ दिवाली
शुभ दिवाली
umesh mehra
अंगराज कर्ण
अंगराज कर्ण
श्रीहर्ष आचार्य
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
कभी कभी हमारे पास
कभी कभी हमारे पास
हिमांशु Kulshrestha
दोष किसे दें
दोष किसे दें
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
वक्त ही कमबख्त है।
वक्त ही कमबख्त है।
Rj Anand Prajapati
दहेज एक समस्या– गीत
दहेज एक समस्या– गीत
Abhishek Soni
#विदा की वेला
#विदा की वेला
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मेरी हैसियत
मेरी हैसियत
आर एस आघात
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
कल एक नज़र जिंदगी पर डाली तो
कल एक नज़र जिंदगी पर डाली तो
Jyoti Roshni
*झगड़ालू जाते जहॉं, झगड़ा करते आम (कुंडलिया)*
*झगड़ालू जाते जहॉं, झगड़ा करते आम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माटी के रंग
माटी के रंग
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...