*भारत की शाश्वत संस्कृति का चित्र राम दरबार है (गीत)*

*भारत की शाश्वत संस्कृति का चित्र राम दरबार है (गीत)*
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भारत की शाश्वत संस्कृति का चित्र राम दरबार है
(1)
युगों-युगों से कथा राम की भारत ने गाई है
सदा इसी से दिव्य चेतना जन-जन में आई है
इसमें निर्लोभी बैठे हनुमान भक्त दिखते हैं
निरभिमानता की गाथा जो कार्यों से लिखते हैं
इसमें जलधि लॉंघ जाने का साहस-भरा विचार है
(2)
इसमें लक्ष्मण नजर आ रहे चरण-राम अनुरागी
चौदह वर्ष रहे वन में इन जैसा दिखा न त्यागी
स्वेच्छा से यह हुए कंटकाकीर्ण मार्ग के वासी
गए राम की सेवा के हित तत्पर बारहमासी
बिना पलक झपकाए जगना इनका जीवन-सार है
(3)
कौन मिलेगा भला भरत-सा चरण-पादुका लाए
सिंहासन पर चरण-पादुका राजा-रूप बिठाए
निर्लोभी निष्काम-वृत्ति जग में इनसे फैली है
दाग चंद्र पर किंतु दृष्टि इनकी न कभी मैली है
शुभ भावों से भरा हुआ इनका जीवन-विस्तार है
भारत की शाश्वत संस्कृति का चित्र राम दरबार है
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*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451