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16 Feb 2022 · 1 min read

भारतीय संविधान

भारत जब स्वतंत्र हुआ,
कोई कानून न था अपना
सब अंग्रेज के प्यादे थे,
विसात शतरंज भी बिछी रही ।

तब भारत माँ के बेटों ने,
अपने स्वरों में हुंकार भरा,
डॉ. अम्बेदकर आगे आए,
सबको एकता में अपना स्वर दिया।

ज्ञानियों के समुहों ने भी
कानून को संग्रहित रूप किया,
अपनी-अपनी जानकारियों से,
सबको अपना दिल जीत लिया |

दो साल की मेहनत की,
मिला भारत का नया रूप
कानुनों के इस संग्रह को,
संविधान ही नाम दिया।

संविधान के निर्माताओं ने,
भारत के संविधान को,
छब्बीस जनवरी को लागू किया,
सारे फिरंगी कानून दूर हुई,
ये दिन ही गणतंत्र दिवस कहलाया।

Language: Hindi
Tag: कविता
266 Views
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