Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2020 · 1 min read

भारतीय संविधान निर्माता डॉक्टर बी. आर .अंबेडकर पर एक कविता

गरीबों, वंचितों ,शोषितो का जिस ने बढ़ाया मान।
बाबासाहेब बनकर छाए और बनी हमारी शान।।

महार जाति में जन्म लेकर दुनियाभर में छाए।
हे भारत रत्न तुम्हें याद कर हर गरीब मुस्कराए।।

सामाजिक न्यायिक क्रांति का अग्रदूत कहलाया।
संविधान का निर्माण कर जीत का झंडा फहराया।।

बाबासाहेब कहां हो तुम हर शोषित वंचित तुम्हें पुकारे।
तुमने न्याय का डंडा घुमाया और बने पीड़ितों के दुलारे।।

तुम्हारे चिंतन को फैलाने का बेड़ा हमने उठाया।
स्वतंत्रता ,समानता का तुम्हारा नारा दुनिया को है भाया।।

नारी कल्याण हेतु आपने हिंदू कोड बिल लाया।
इसमें रहे असफल तो मंत्री पद भी ठुकराया।।

निडर होकर रखी जिसने हमेशा अपनी बात।
डॉक्टर अंबेडकर को जन-जन तक ले जाएंगे यही हमारी सौगात।।
जय भारत जय संविधान।।

Language: Hindi
Tag: कविता
3 Likes · 2 Comments · 547 Views
You may also like:
🌸🌺दिल पर लगे दाग़ अच्छे नहीं लगते🌺🌸
🌸🌺दिल पर लगे दाग़ अच्छे नहीं लगते🌺🌸
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
மர்மம்
மர்மம்
Shyam Sundar Subramanian
Baal Kavi Aditya Kumar biography
Baal Kavi Aditya Kumar biography
Baal Kavi Aditya Kumar
युवा भारत के जानो
युवा भारत के जानो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक सुन्दरी है
एक सुन्दरी है
Varun Singh Gautam
संघर्ष
संघर्ष
पंकज कुमार कर्ण
तेरे होने में क्या??
तेरे होने में क्या??
Manoj Kumar
कमर दर्द, पीठ दर्द
कमर दर्द, पीठ दर्द
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अग्रोहा ( कुंडलिया )
अग्रोहा ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
Buddha Prakash
Phoolo ki wo shatir  kaliya
Phoolo ki wo shatir kaliya
Sakshi Tripathi
वक्त
वक्त
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
उसकी मुस्कराहट के , कायल हुए थे हम
उसकी मुस्कराहट के , कायल हुए थे हम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीवन का फलसफा/ध्येय यह हो...
जीवन का फलसफा/ध्येय यह हो...
Dr MusafiR BaithA
इन  आँखों  के  भोलेपन  में  प्यार तुम्हारे  लिए ही तो सच्चा है।
इन आँखों के भोलेपन में प्यार तुम्हारे लिए ही तो...
Sadhnalmp2001
भगतसिंह कैसा ये तेरा पंजाब हो गया
भगतसिंह कैसा ये तेरा पंजाब हो गया
Surinder blackpen
स्त्री श्रृंगार
स्त्री श्रृंगार
विजय कुमार अग्रवाल
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जब जब ……
जब जब ……
Rekha Drolia
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
Ram Krishan Rastogi
शख्सियत - मॉं भारती की सेवा के लिए समर्पित योद्धा 'जनरल वीके सिंह'
शख्सियत - मॉं भारती की सेवा के लिए समर्पित योद्धा...
Deepak Kumar Tyagi
A little hope can kill you.
A little hope can kill you.
Manisha Manjari
■ मानसिक गुलाम और आज़ादी की मांग
■ मानसिक गुलाम और आज़ादी की मांग
*Author प्रणय प्रभात*
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा
कहा तुमने कभी देखो प्रेम  तुमसे ही है जाना
कहा तुमने कभी देखो प्रेम तुमसे ही है जाना
Ranjana Verma
हमको तेरे ख़्याल ने
हमको तेरे ख़्याल ने
Dr fauzia Naseem shad
देव भूमि - हिमान्चल
देव भूमि - हिमान्चल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भगतसिंह के चिट्ठी
भगतसिंह के चिट्ठी
Shekhar Chandra Mitra
आँखे मूंदकर
आँखे मूंदकर
'अशांत' शेखर
मां
मां
KAPOOR IQABAL
Loading...