Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2016 · 1 min read

भले धन हो’ कितना कमाया यहाँ पर

भले धन हो’ कितना कमाया यहाँ पर
न सन्तोष फिर भी है’ पाया यहाँ पर

वही झेलता दुख हमेशा जगत में
कि जिसने न गम को भुलाया यहाँ पर

भले जीत ले कोई सारा ज़माना
मुकद्दर को किसने हराया यहाँ पर

रहे दूसरों को सदा आजमाते
न खुद को कभी आजमाया यहाँ पर

गिला भी बताओ करें क्या किसी से
किया जब सगों ने पराया यहाँ पर

जिये सिर्फ अपनी ख़ुशी के लिये ही
नहीँ फ़र्ज़ कोई निभाया यहाँ पर

मिली लाख खुशियाँ अगर जिन्दगी से
तो उसने ही अक्सर रुलाया यहाँ पर

नही चैन से ‘अर्चना ‘मर सकोगे
अगर व्यर्थ जीवन गँवाया यहाँ पर
डॉ अर्चना गुप्ता

1 Like · 2 Comments · 298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

खा ले तितली एक निवाला
खा ले तितली एक निवाला
उमा झा
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
इंसांं
इंसांं
Shyam Sundar Subramanian
4552.*पूर्णिका*
4552.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
SPK Sachin Lodhi
हे जगतारिणी
हे जगतारिणी
कुमार अविनाश 'केसर'
चलने का नाम ज़िंदगी है
चलने का नाम ज़िंदगी है
Sonam Puneet Dubey
How to Build a Healthy Relationship?
How to Build a Healthy Relationship?
Bindesh kumar jha
जिंदगी में -
जिंदगी में -
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही..
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही..
Manisha Manjari
दीप
दीप
Karuna Bhalla
*
*"आशा"-दीप" जलेँ..!*
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
वह कौन शख्स था
वह कौन शख्स था
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
Otteri Selvakumar
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
RAMESH SHARMA
पत्नी   से   पंगा   लिया, समझो   बेड़ा  गर्क ।
पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क ।
sushil sarna
कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"रचना अतिथि होती है। जो तिथि व समय बता कर नहीं आती। कभी भी,
*प्रणय*
बीतते साल
बीतते साल
Lovi Mishra
2 जून की रोटी.......एक महत्व
2 जून की रोटी.......एक महत्व
Neeraj Agarwal
स्मरण रहे
स्मरण रहे
Nitin Kulkarni
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
गर्द अपनी ये ख़ुद से हटा आइने।
पंकज परिंदा
गले लगना है तो उसको कहो अभी लग जाए
गले लगना है तो उसको कहो अभी लग जाए
Jyoti Roshni
सब लिखते हैं
सब लिखते हैं
Saumyakashi
यहां सभी लोग समय के चक्र में बंधे हुए है, जब सूर्य दिन के अल
यहां सभी लोग समय के चक्र में बंधे हुए है, जब सूर्य दिन के अल
Rj Anand Prajapati
ज़िंदगी इसमें
ज़िंदगी इसमें
Dr fauzia Naseem shad
Loading...