Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

भजन -मात भवानी- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज

भजन- मात भवानी
मैया तू महिषासुर मर्दिनी, महिमा तेरी अपरम्पार
दुर्गा काली मात भवानी, कर दो मेरा बेड़ा पार।

धन- दौलत की होड़ में मैया, अपना न कोई पराया यहाँ
लूट-पाट फैली है जग में, मानव गर्त समाया यहाँ
अंधियारे को दूर करो माँ, रोशन हो जाए संसार
दुर्गा काली मात भवानी, कर दो मेरा बेड़ा पार।

रिश्ते का कोई मोल नहीं यहाँ, आदर मान गिराते है
बच्चे भूले मात-पिता को, चलना जो उन्हें सिखाते है
जोड़ दो टूटे बंधन मैया, कर दो सबका तुम उद्धार
दुर्गा काली मात भवानी, कर दो मेरा बेड़ा पार।

दूर करो सब कष्ट मेरी माँ, जोत जलाई है फिर आज
खुशियों की तुम झोली भर दो, पूर्ण कर दो सबके काज
लिखे भजन अरविन्द माँ तेरे, कर दो सब सपने साकार
दुर्गा काली मात भवानी, कर दो मेरा बेड़ा पार।

© अरविन्द भारद्वाज

Language: Hindi
87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ओ दूर के मुसाफ़िर....
ओ दूर के मुसाफ़िर....
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मजदूर
मजदूर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
प्रेम
प्रेम
Acharya Rama Nand Mandal
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
Harminder Kaur
अवसाद।
अवसाद।
Amber Srivastava
ये दुनिया
ये दुनिया
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
#ਮੁਸਕਾਨ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ . . . !
#ਮੁਸਕਾਨ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ . . . !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
1. Of Course, India Is Not Communal
1. Of Course, India Is Not Communal
Santosh Khanna (world record holder)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"अर्धांगिनी"
Dr. Kishan tandon kranti
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
*भोग कर सब स्वर्ग-सुख, आना धरा पर फिर पड़ा (गीत)*
*भोग कर सब स्वर्ग-सुख, आना धरा पर फिर पड़ा (गीत)*
Ravi Prakash
जल का अपव्यय मत करो
जल का अपव्यय मत करो
Kumud Srivastava
चेतन वार्तालाप
चेतन वार्तालाप
Jyoti Pathak
परमेश्वर का प्यार
परमेश्वर का प्यार
ओंकार मिश्र
4296.💐 *पूर्णिका* 💐
4296.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डाकियाँ बाबा
डाकियाँ बाबा
Dr. Vaishali Verma
मनमुटाव सीमित रहें,
मनमुटाव सीमित रहें,
sushil sarna
नारी शक्ति
नारी शक्ति
लक्ष्मी सिंह
जागरण
जागरण
Shekhar Deshmukh
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
Raju Gajbhiye
सेवा गीत
सेवा गीत
Mangu singh
संग दिल जहां
संग दिल जहां
ओनिका सेतिया 'अनु '
राममय हुआ हिन्दुस्तान
राममय हुआ हिन्दुस्तान
Parmanand Nishad Priy
उदासी की यही कहानी
उदासी की यही कहानी
Suryakant Dwivedi
आलस्य परमो धर्मां
आलस्य परमो धर्मां
अमित कुमार
#कृतज्ञतापूर्ण_नमन-
#कृतज्ञतापूर्ण_नमन-
*प्रणय*
वो अपने बंधन खुद तय करता है
वो अपने बंधन खुद तय करता है
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...