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31 Jan 2022 · 1 min read

भगतसिंह की मां

तुम रोना नहीं, मां!
तुम रोना नहीं, मां!!
ये आंसुओं के मोती
तुम खोना नहीं, मां!!
हर सच्चे आदमी को
मिलता यही ईनाम!
दाग़ अपने दिल के
तुम धोना नहीं, मां!!
वह देख किस तरह
जाग रहा पूरा देश!
जितनी भी नींद आए
तुम सोना नहीं, मां!!
तुझको देखकर हमें
मिलता है हौसला!
इतनी जल्दी मायूस
तुम होना नहीं,मां!!
Shekhar Chandra Mitra
#आख़िरी_मुलाकात #विद्रोहीकवि
#भगतसिंह_की_मां #चुनावीकविता
#इंकलाबीशायर #सियासीशायरी

225 Views
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