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16 May 2023 · 1 min read

भगतसिंह: एक जीनियस

जो जागे हुए होश के कारण
क़ैद होकर भी आज़ाद रहा
वह जिस्म से फ़ना होकर भी
हमारे दिलों में आबाद रहा…
(१)
मेरी ग़ज़लों और नज़्मों में
बोला करता है आजकल
वही सरदार भगत सिंह जिसपे
हर बागी रूह को नाज़ रहा…
(२)
आख़िर हाथ पर हाथ रखकर
वह चुपचाप कब तक बैठता
जिसके चिंतन में हमेशा
दबा और कुचला समाज रहा…
(३)
छोटी उम्र-बड़े कारनामे
वह आदमी था या पैगम्बर
उसका लिखा हुआ हर आलेख
तो बिल्कुल ही लाज़वाब रहा…
(४)
अब सच करके दिखाना उसे
आख़िर किसकी ज़िम्मेदारी है
जीने से मरने तक उसकी
आंखों में कोई ख़्वाब रहा…
(५)
तख्त और ताज का उससे
बेचैन होना लाज़मी ही था
ज़िंदगी के हर मोर्चे पर
उसका मकसद इंकलाब रहा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#अवामी #इंकलाबी #सियासी #शायर
#BhagatSingh #lyricist #अनलहक
#विद्रोही #क्रांतिकारी #कवि #गीतकार
#हल्लाबोल #lyricist #rebel #lyrics

Language: Hindi
Tag: गीत
60 Views
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