"You can still be the person you want to be, my love. Mistak
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
"श्री शक्ति साधना साहित्य सम्मान" से रूपेश को नवाज़ा गया'
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
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ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
मैं मेरी कहानी और मेरी स्टेटस सब नहीं समझ पाते और जो समझ पात
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
जो लोग धन धान्य से संपन्न सामाजिक स्तर पर बड़े होते है अक्सर
शीर्षक-आया जमाना नौकरी का
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,