Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2016 · 1 min read

बोलें सोच विचार कर, कह कर गये कबीर

बोलें सोच विचार के, कह कर गये कबीर
रखो जीभ के पाँव में, डाल सदा जंजीर

घाव न भरते उम्र भर, देते कष्ट अपार
जब जब मन को वींधते, कटु शब्दों के तीर

जीवन क्षणभंगुर यहाँ, नित्य रहा है कौन
क्यों समझे जग को अरे, तू अपनी जाग़ीर

घड़ा पाप का एक दिन, निश्चित जाता फूट
सदियों से समझा रहे, सूफ़ी संत फ़क़ीर

मेहनतक़श भूखा मरे, गाँव गली हर रोज़
नीति-नियंता देश के, उड़ा रहे हैं खीर

फ़रियादी ने एक दिन, मुझसे किया सवाल
बँधा न्याय की आँख पर, क्यों है काला चीर

ढूँढ रहा हूँ आज तक, उत्तर हो हैरान
हल्के में लेना नहीं, बात बहुत गंभीर

गुलशन में लागू हुआ, जंगल का कानून
काँटे तय करने लगे, फूलों की तक़दीर

राकेश दुबे “गुलशन”
10/07/2016
बरेली

1 Comment · 767 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"तकरार"
Dr. Kishan tandon kranti
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वह गांव की एक शाम
वह गांव की एक शाम
मधुसूदन गौतम
*बदल सकती है दुनिया*
*बदल सकती है दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन के किसी भी मोड़ पर
जीवन के किसी भी मोड़ पर
Dr fauzia Naseem shad
आज का युवा
आज का युवा
Madhuri mahakash
कर्म का फल
कर्म का फल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
माँ
माँ
Dinesh Kumar Gangwar
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
Shashi kala vyas
अज्ञानी मन @ कविता
अज्ञानी मन @ कविता
OM PRAKASH MEENA
नींद आती है सोने दो
नींद आती है सोने दो
Kavita Chouhan
मुहब्बत से दामन , तेरा  भर  रही है ,
मुहब्बत से दामन , तेरा भर रही है ,
Neelofar Khan
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
दर्द  जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
Ashwini sharma
नए वर्ष की इस पावन बेला में
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
* थके पथिक को *
* थके पथिक को *
surenderpal vaidya
पधारो नंद के लाला
पधारो नंद के लाला
Sukeshini Budhawne
मैं तुझ सा कोई ढूंढती रही
मैं तुझ सा कोई ढूंढती रही
Chitra Bisht
हालातों का असर
हालातों का असर
Shyam Sundar Subramanian
मनभावन होली
मनभावन होली
Anamika Tiwari 'annpurna '
At the sea shore !
At the sea shore !
Buddha Prakash
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
gurudeenverma198
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
Phool gufran
चूड़ियाँ
चूड़ियाँ
लक्ष्मी सिंह
Loading...