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16 Mar 2023 · 2 min read

बोर्ड परीक्षा में सुधार के उपाय

*बोर्ड परीक्षा में सुधार के उपाय*
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*बोर्ड परीक्षाऍं हुईं, ज्यों जी का जंजाल*
*बच्चे डरते इस तरह, मानों आया काल*
बोर्ड परीक्षाऍं अनेक बार तनाव, अवसाद और आत्महत्या तक का कारण बन गई हैं। बच्चों पर इन परीक्षाओं का बहुत दबाव रहता है । वैसे तो सारा जीवन ही व्यक्ति को संघर्षों के साथ जीना पड़ता है, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं के समय नाबालिग उम्र होने के कारण वह उनके दबाव को नहीं झेल पाते । ऐसे में समाज का कर्तव्य बनता है कि वह बोर्ड परीक्षाओं के दोषों पर विचार करे, ताकि उनका समाधान निकाला जा सके ।
(1) बोर्ड परीक्षाऍं अगर समाप्त कर दी जाऍं तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा । आखिर कक्षा नौ तक बच्चा स्कूल में पढ़ कर स्थानीय परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आगे बढ़ता रहा है । इसमें बुराई कुछ नहीं है ।
(2) अगर बोर्ड परीक्षाऍं करना आवश्यक ही हैं, तो उसमें यह सुनिश्चितता होनी चाहिए कि शत-प्रतिशत विद्यार्थी अगर जरा भी पढ़ने में रुचि रखते हैं तो उन्हें अनुत्तीर्ण न होना पड़े अर्थात विद्यार्थी के ऊपर फेल होने का तनाव समाप्त होना चाहिए ।
(3) अच्छे नंबरों वाली बात धीरे-धीरे परिदृश्य से हटाने की दिशा में कार्य चल रहा है । उसे पूरी तरह अंकों के स्थान पर ग्रेड-सिस्टम में बदला जा सकता है । इस तरह कक्षा में प्रथम, द्वितीय, तृतीय अथवा टॉप-टेन वाली मानसिकता के आग्रह के तनाव को भी बोर्ड परीक्षाओं के साथ जोड़ने से रोका जा सकता है।
(4) प्रश्न ऐसे होने चाहिए, जिनमें चार विकल्प दिए गए हों और उनमें से कोई एक सही हो।
(5) विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें परीक्षा-कक्ष में ले जाने की अनुमति मिलनी चाहिए । ऐसा करने से विद्यार्थी प्रश्न का उत्तर अगर चाहें तो पाठ्यपुस्तक के वांछित पृष्ठ को खोलकर/पढ़कर निकाल सकते हैं ।
लाभ केवल उन विद्यार्थियों को नहीं मिल पाएगा, जिन्होंने कभी किताब खोलकर पढ़ी ही नहीं होगी। हमें जानना चाहिए कि सारा जीवन हर क्षेत्र में व्यक्ति संदर्भ ग्रंथों से जानकारियां जुटाकर ही आगे बढ़ता है। इस फार्मूले को बोर्ड परीक्षा में आजमाने में आपत्ति क्या है ?
(6) जब भरपूर प्रश्नों से भरा हुआ प्रश्न पत्र होगा, पाठ्य पुस्तक विद्यार्थी के हाथ में रखी हुई होगी, तब नकल जैसा प्रश्न ही बेमानी हो जाएगा ।
*एक अन्य सुझाव:-*
परीक्षाओं से अलग हटकर अगर हम विचार करें तो आमूलचूल परिवर्तन के लिए सामान्य स्कूली शिक्षा कक्षा दस पर समाप्त हो जानी चाहिए । उसके बाद जिसे जिस क्षेत्र में विशेषज्ञता अर्जित करनी हो, वह उस क्षेत्र में आगे की पढ़ाई करे।
—————————————
*लेखक : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615 451

Language: Hindi
46 Views

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