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5 May 2022 · 1 min read

बे-पर्दे का हुस्न।

औरत तब तक औरत रहती है।
जब तक उस में गैरत बसती है।।

बे-पर्दे का हुस्न नंगापन होता है।
आंचल में इसे इज्जत मिलती है।।

✍✍ताज मोहम्मद✍✍बेज

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 2 Comments · 305 Views
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